सरे महफ़िल मेरा ईमान बेईमान हो..
फ़िल्म - अब क्या होगा(1977)
गीतकार -सावन कुमार
संगीतकार - उषा खन्ना
गायक - रफ़ी साहब / आशा जी
R- स'रे महफ़िल मेरा ईमान बेईमान हो गया, हो यारों अब क्या होगा यारों अब क्या होगा
मेरा कातिल मेरे घर में मेरा मेहमान हो गया,
हो यारों अब क्या होगा यारों अब क्या होगा
A- वहीं होगा जो मंजुरे खुदा होगा, खुदा होगा
R-हो यारो अब क्या होगा, यारों अब क्या होगा
जमीन पर पांव मत रखना, कहीं मेंला ना हो जाए
ना जाना चाँदनी में ये बदन मेंला ना हो जाए
खुदा भेज दें जनत से तू अपनी बहारों को
सजादे आसमान तू राह में इनकी सितारों को
शरीक ऐ जिदंगी होना तेरा एहसान हो गया
हो यारो अब क्या होगा, यारों अब क्या होगा
A-वहीं होगा जो मंजुरे खुदा होगा, खुदा होगा
R-हो यारो अब क्या होगा, यारों अब क्या होगा
A-नहीं थे हम किसी काबिल जगह दे दी हमें दिल में
करें हम शुक्रिया कैसे की रख ली लाज महफिल में
ना फूलों की तमन्ना है, ना चाहत है सितारों की
तुम्हारे प्यार के आगे जरुरत क्या बहारों की
तुम्हारे बाहों में रहना मेरा अरमान हो गया
R-हो यारो अब क्या होगा, यारों अब क्या होगा
A-वहीं होगा जो मंजुरे खुदा होगा, खुदा होगा
R-हो यारो अब क्या होगा, यारों अब क्या होगा
जमीन की तुम नहीं लगती, कहां से आई हो बोलो
मेरी जन हुस्न परियों का, कहां से लायी हो बोलो
A-खुदा ने खुद बनाया हैं हमें तो आपकी खातिर
गज़ल मुझको बनाया हैं बनाकर आपको शायर
मिलन पर जानेमन अपना खुदा हैरान हो गया
R-हो यारों अब क्या होगा, यारों अब क्या होगा
सारे महफ़िल मेरा ईमान बेईमान हो गया, हो यारों अब क्या होगा यारों अब क्या होगा