विजेंद्र शर्मा के दोहे...
1-जब तक भीतर आँख के ,आंसू की है शान !
जैसे लुढ़के गाल पे ,मिट जाए पहचान !!
2-पलकों की दीवार में , किये ग़मों ने छेद !...
आंसू निकले आँख से , खोल गए सब भेद!!..
3-मिला उन्हें भी पद्म श्री , जिनके ऐसे काम
सुबह करें चमचागिरी ,मक्खनबाजी शाम
4-खाते बहियाँ खोलकर , करने लगी हिसाब !.
कैसी है तू ज़िन्दगी , तेरा नहीं जवाब !!.
5-रोते ना तो और फिर ,क्या करते जज़्बात
उसने ही जब अनसुनी ,कर दी मेरी बात
6-इक सच बोला और फिर ,देखा ऐसा हाल
कुछ ने नज़रें फेर ली ,कुछ की आँखे लाल
7-सुन झूटी तारीफ़ हम ,चढ़े चने के झाड़
पर भीतर से खामियां ,हमको रही लताड़
8-कर झूठी तारीफ़ फिर ,लोग ले रहे स्वाद !
भोली भाली शायरा , समझ रही है दाद !!
फेसबुक की हक़ीक़त...
9-तब कासा था हाथ में ,अब दौलत में हाथ !
तब मुझसे सब दूर थे , अब मेरे सब साथ !!
10-कंगूरे छाये रहे , उनकी थी तादाद
ऐसे में बुनियाद की , आती किसको याद
11-चीख उठे जब ख़ामुशी ,हिलने लगे पहाड़
सुनी नहीं है आपने ,चुप की कभी दहाड़
12-दरिया ने इक रोज़ क्या , कर ली मीठी बात
क़तरा तो उस रोज़ से , भूल गया औक़ात
13रैला हो सैलाब का , या सूखे की मार
ज़मीं समझ ही कब सकी ,पानी का किरदार
14-चुभने को चुभते रहे , भले शूल ही शूल !
बना लिए इक बार जो ,तोड़े नहीं उसूल !!
15जीवन के आकाश में ,हम तो हुए पतंग
डोर किसी के हाथ में ,उड़े किसी के संग
16-दरिया तेरा दायरा ,बढ़ तो गया ज़रूर
मगर किनारे हो गए ,पहले से भी दूर
17-कभी फ़क़ीरों के यहाँ , जाता था दरबार ....
और कलंदर आज के , जाते हैं दरबार ....
18-खाते बहियाँ खोल कर ,करने लगी हिसाब !
कैसी है तू ज़िन्दगी , तेरा नहीं जवाब !!
19-लाख छुपाऊं मैं सखी , खुल जावे है राज़ !....
नैन करें हैं मुखबिरी , ये ना आवे बाज़ !!.....
20-उम्मीदों पर वो खरा ,उतरा होता काश !
ढोनी ना पड़ती हमे , उम्मीदों की लाश !!
21-जब मन के आकाश में , घुमड़े अहसासात !
तब मन ने मन से कहा , लिख दे मन की बात !!
22-सबको कहाँ नसीब है ,ये शुहरत की धूप
हल्का हो किरदार तो ,झुलस जाय है रूप
23-ऐसे दिन भी आ गए , किन करमों के लेख !......
चूहा बोले शेर से , मुझे छेड़ के देख !!......
24-इसी ज़मी पर हैं लिखे , कुदरत ने आलेख !
हरा भरा हो जायगा ,इनको पढ़कर देख !!
पर्यावरण दिवस पे ..
25-खुद से भी करते नहीं ,अब हम कोई बात !....
तेरे जाते आ गया ,जीवन में निर्वात !!....
26-देना है तो दे ख़ुदा , ऐसा हमे मिज़ाज !
खुद्दारी सर पर रहे , ठोकर में हो ताज !!
27-कैसा तेरा मैक़दा , इसका अजब निज़ाम !....
झूम रहे हैं रिन्द सब ,बिन सागर बिन जाम !!...
28-जब भी मैं तन्हा हुआ ,वो ही आया काम !
था रिश्तों की भीड़ में ,जो रिश्ता बेनाम !!
29-ऐसे दिन भी आ गए , किन करमों के लेख !......
चूहा बोले शेर से , मुझे छेड़ के देख !!......
30-बिना तुम्हारे इस तरह ,गुज़र रहे लम्हात !...
सन्नाटे से गुफ़्तगू ,सारी सारी रात !!...
31-वो मेरे अहसास में ,ऐसे हुआ शरीक !...
बात मुझे जो चुभ गयी , उसे लगी वो ठीक !!.....
32-सीधा सा है रास्ता ,कहीं नहीं है मोड़ ! ....
जब उससे है इश्क़ तो ,दुनियादारी छोड़ !! ...
33-तह तक जाकर आ गए , तभी हुआ अहसास !
कभी समन्दर से नहीं , बुझी किसी की प्यास !!
34-खुशबू तेरे फेर में ,जाता रहा रुआब !
चिन्दी चिन्दी हो गया ,अच्छा भला गुलाब !!
35-काँप रही है ये ज़मी ,और आसमाँ मौन !
पता नहीं पाताल से , इसे हिलावे कौन !!
36-फ़लक नापने को गए ,बनकर के शाहीन !.....
आये जब वो लौट कर ,लगी न हाथ ज़मीन !!....
37-सर पर माँ का हाथ है ,क्या दूँ और सुबूत !
मुझको लिए बगैर ही ,लौट गए यमदूत !!
Mothers day
38-रत्तीभर बेटे बहू , रखते नहीं लगाव !....
पर अम्मा थकती नहीं , करते करते चाव !!...
Mothers day
39-रिश्तों का आँगन कभी , कर जाता हद पार !....
एहतियात की इस लिए ,लाज़िम है दीवार !!....
40-कौन वज़ह से आ गया , आदत से तू बाज़ ! ..
बहुत दिनों से यार तू , हुआ नहीं नाराज़ !! ...
41-कोई अपने दे गया ,सपने हमे उधार !
आँखों ने फिर नींद का, कर्ज़ा दिया उतार !!
42-रोते ना तो और फिर ,क्या करते जज़्बात
तुमने ही जब अनसुनी ,कर दी मेरी बात
43-अब उससे रिश्ता नहीं , फिर भी आवे याद !.....
ज़ख्म भले ही भर गए , सूखी नहीं मवाद !!...
44-पहले तो कहता रहा , बड़ी बहन हैं आप !...
फिर भइया के आ गया , इक दिन मन में पाप !!...
45-ज्यूँ मुरझाई फस्ल में , जान डाल दे खाद !...
हरा – भरा सा कर गयी ,मुझको तेरी याद !!....
46-तकिया है बस हाथ का ,बिस्तर है फूटपाथ
क्यों ना आये नींद जब ,मेहनत सोये साथ
47-ग़ज़लों के भी अक्स में , दोहों की तस्वीर ! ...
आँखें तो हैं "मीर" की , "मीरा" के हैं नीर !!.......
48-कभी फ़क़ीरों के यहाँ , जाता था दरबार ....
खड़े कलंदर आज के , दरबारों के द्वार ....
49-दिल न लगा जो शहर में , आया अपने गाँव !
बाट जोहती ही मिली , पगडंडी पर छाँव !!
50-तेरी यादों के सिवा ,ये सब भी है पास !
राखदान सिगरट धुंआ ,बोतल और गिलास !!
51-दो मंज़र ....
किसना राम किसान की, फसल पडी बीमार !
किशन लाल जी सेठ के ,नोटों का अम्बार !!
52-टूकड़ों पर तुम हिन्द के ,पाक तुम्हारी जान !
पाक तुम्हारी जान तो ,जाओ पाकिस्तान !!
53-दुःख ने सुख से ये कहा , कैसी तेरी ज़ात ! ..
भूल जाय है वो खुदा , तू हो जिसके साथ !! ...
54-आंधी थी वो ज़ुल्म की , बुझते रहे चराग़ !
बैसाखी को याद है , जलियांवाला बाग़ !!
जलियावाला बाग़ के शहीदों को नमन ..
55-अब तो नागिन सा हुआ ,बीवी का व्यवहार !....
रिश्तों की नैया भला ,कहाँ लगेगी पार !!....
56-साहिल से नाराज़गी , लहरों से मतभेद !
दरिया करना पार है , भले नाव में छेद !!
57-कभी बरसते मेघ से ,दिल की बातें बोल !...
भीग ज़रा बरसात में ,छाते को मत खोल !!...
58-ऐसा ही है दौर ये , ऐसे इसके तौर !
जुर्म किया है और ने ,फसे बेचारा और !!
59-गड़ी हुई ईमान की , निकले कैसे कील !
तबादले होते रहे , हम न हुए तबदील !!
60-देने वाले कौन हैं , लेने वाले कौन !
इनआमों की बाँट पे , लेकिन सब है मौन !!
61-मेरे भीतर क्या छिपा, इसे कभी तो भांप !
तू चन्दन के पेड़ सी , मैं ज़हरीला सांप !!
62-एक मरज है फेसबुक ,पालो मत ये रोग !
इश्तेहार से हो गए , इस पर आकर लोग !!
63-सूने सूने रास्ते ,पसरी पसरी रेत !
गीले गीले नैन हैं , सूखे सूखे खेत !!
राजस्थान दिवस मुबारक ....
64-तब तो हमको सौंप दी ,जब था तेज़ बहाव !..
पहुँच किनारे हो गयी ,किसी और की नाव !!..
65-पत्थर तक बुनियाद के , घर से दिए निकाल !...
उस घर का अल्ला मिंया ,क्या होगा अब हाल !..
आप पार्टी का हाल ....
66-रोना क्या है हार पर ,जश्न मनाओ यार !
कल से फिर पैनी करो , हथियारों की धार !!
67-आसमान में उड़ गयी , होते ही आज़ाद !...
फिर देखे जो बाज़ तो , पिंजरा आया याद !!..
68-भारत माँ को शूल सा , चुभता यही सवाल !...
क्यों पैदा होते नहीं , भगत सिंह से लाल !!....
नमन शहीदों को ...
69-भले क़लम दे हाथ में , या दे दे तलवार !
मौला इनकी तू मगर , पैनी रखियो धार !!
70-पापा मेरी चाँद को ,छूने की है चाह !
दिन है खेलन के अभी , मत कर मेरो ब्याह !!
71-पार किया जो तैर कर , कौन बड़ी है बात !
पता चले है डूब कर , दरिया की औक़ात !!
72-दुनिया है रफ़्तार की , खरगोशों का दौर !
किस्सों तक ही ठीक है , कछुए वाले तौर !!
73-क़लम उठाने का कभी , किया नहीं है काम !...
मगर क़लम के नाम पर, मिले बहुत इनआम !! .....
74-कोई अपने दे गया , सपने हमे उधार !...
आँखों ने फिर नींद का , कर्ज़ा दिया उतार !!...
75-छुड़ा लिए हैं रंग सब , धोकर अपने अंग !..
दिल पर जो तू मल गया , वो ना उतरा रंग ! ..
76-हैरत में थे यार सब , दुश्मन भी था दंग !...
मैंने उसके गाल पर , लगा दिया जब रंग !!...
रंगों का त्यौहार होली आपको मुबारक हो .....
77-अपने अधरों से अगर , तुम जो कर दो लाल ! ...
कसम लगे इस जन्म में ,जो हम धो लें गाल !! ...
78-रंग मिला ना वक़्त पर , ना ही मिला गुलाल !...
फिर अधरों से रंग दिए ,मैंने उसके गाल !!..
79-होली का तो तब मज़ा ,ना हो रंग गुलाल !...
इधर हमारे होंठ हो, उधर तुम्हारे गाल !!...
80-इंतज़ार के रंग में , गयी बावरी डूब !
होली पर इसबार भी , आया ना महबूब !!
81-आँखों को भी है गिला , करें शिकायत गाल !...
बैरी ख़ुद आया नहीं ,भिजवा दिया गुलाल !!...
82-इश्तेहार तक हम हुए , और हमीं दीवार ! ...
तब जाकर चलने लगा , अपना कारोबार !!..
83-मौक़ा था पर यार ने , डाला नहीं गुलाल !..
मुरझाये से ही रहे , मेरे दोनों गाल !!..
84-घटा बड़ी घनघोर थी, पिया नहीं थे साथ !
अंगड़ाई की ख़्वाहिशें , भटकी सारी रात !!
85-तन्हाई की बारिशें,भले ठोक ले ताल !..
पास हमारे आपकी , यादों की तिरपाल !!...
86-सुनता कौन ग़रीब की , थमी नहीं बरसात !
टप टप करती झोंपड़ी , रोयी सारी रात !!
87-क्या क्या छोड़ें ये बता , क्या क्या कर दें बंद !
क्या क्या तुझे पसंद है , क्या क्या नहीं पसंद !!
88-दुनिया की ये रीत है , या कोई संजोग !....
बैठे मेरी ताक़ में ,मेरे अपने लोग !!....
89-दुनिया के तो सामने , गिरी नहीं दस्तार !...
पर अपनी औलाद से , हार गये हम यार !!...
90-लोग दूध से कर रहे ,शंकर का अभिषेक !
मंदिर के बाहर खड़ा , भूखा बच्चा एक !!
महाशिवरात्री की शुभ कामनाएं ....
91-प्रेम दिवस है बावरी , आजा कर लें प्रीत !....
जीवन का सुर प्रेम है , और प्रेम संगीत !....
Happy valentine ...
92-गला तमन्ना का भला ,कैसे देता घोंट !...
मैंने उसके होंट पर , रख डाले फिर होंट
Happy kiss day ...
93-सच हो जाए स्वप्न ये ,नित्य करूँ ये जाप !
तेरे अधरों से करें , मेरे अधर मिलाप !!
Happy. ...Kiss.... day ....
94-उसकी बाँहो में अगर ,मिल जाए इक शाम !...
फिर चाहें लिख दीजिये , दोज़ख मेरे नाम !!.....
Happy hug Day
95-वादा दोनों ने किया ,जीना मरना साथ !
कहीं जिस्म नीला हुआ ,कहीं प पीले हाथ !! .''.
Happy promise Day
96-बड़े बुज़ुर्गों का नहीं ,जिस घर में सम्मान !
उस घर की फिर देख लो ,ऐसे जाती शान !!
97-मुझसे लेकर रौशनी , कमा रहा है नाम !...
सूरज पर ये धर दिया , जुगनू ने इल्ज़ाम !!....
98-सुर का था वो बादशा , ग़ज़लों का था मीत !
जब तक जीवित सुर रहे,अमर रहे जगजीत !!
.ग़ज़ल सम्राट.जगजीत सिंह ...जन्म दिन मुबारक हो
99-महक रहा है आज तक , सूखा हुआ गुलाब ! ...
पर उसने इक बार भी , खोली नहीं किताब !!..
Happy rose🌹 day
100-तन्हाई की बारिशें , भले ठोक ले ताल !...
पास हमारे आपकी, यादों की तिरपाल !...
101-भारी पत्थर इश्क़ है , कहते थे ये "मीर" !
चलो उठा के देख लें ,आगे फिर तक़दीर !!
102-वादा दोनों ने किया , जीना मरना साथ!
कहीं जिस्म नीला हुआ , कहीं प पीले हाथ !!
103-यूँ तो है बाज़ार में , हर शै की दूकान !
मगर किसी दूकान पर , मिले नहीं मुस्कान !....
104-आओ इसके कान में , फूंकें कोई मन्त्र !
इक मुद्दत से सो रहा ,अपना ये गणतंत्र !!
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ....
105-राजनीति के भेडिये , रोज़ करें षड्यंत्र !
और खड़ा लाचार सा , देख रहा गणतंत्र !!
106-देखा जायेगा मिंया , खुदा करेगा ख़ैर !....
पानी में रहना हमे , और मगर से बैर !!..
107-सुना गया अपनी कथा ,पतझड़ वाला संत !....
चल दरवाज़ा खोल दे , बाहर खड़ा बसंत !! ..
108-जिसकी ख़ातिर ओढ़ ली , हमने यार ! ज़मीन !
उसको आया ही नहीं , हम पर कभी यक़ीन !!
109-दिल में उसकी याद है, आँखों में है नीर !
यार ! हमारे पास है , बहुत बड़ी जागीर !!
110-कभी निकलती ही नहीं , इतना लेना सोच !....
जब रिश्तों के पाँव में , पड़ जाती है मोच !....
111-अब तो खलने लग गया ,पत्तों का भी शोर !
मन कहता है चल कहीं , सन्नाटे की ओर !!
112-धूल ज़रा सी क्या उड़ी, साँसे उखड़ी तेज़ ! ....
मिटटी ही करने लगी , मिटटी से परहेज़ !! ...
113-पति घर आवे देर से , बीवी को है रोष !
वास्तु विद कहने लगे, घर में वास्तु दोष !! ...
114-दो में दो को जोड़ कर ,बता दिया था चार !....
बस इतने में खींच ली , यारों ने तलवार !!...
115-और बजा मत बीन अब , काँप सपेरे काँप !.....
तेरे बच्चे डस गया , तेरा पाला साँप !! .....
पेशावर हमले पर .....एक श्रधांजलि
116-तार तार संवेदना , खड़ी रही लाचार !
बीच सड़क पर भेड़िया, करता रहा शिकार !!..
-5 दिसंबर की काली रात ..
117-कब देखे है इश्क़ ये , किसकी है दहलीज़ !.....
शहज़ादे के प्यार में , पागल हुई कनीज़ !....
118-ऐसे मिलता था गले , जैसे भरत मिलाप !....
गले लगाकर ले गया ,वही गले का नाप !! ...
119-आऊं तेरे ख़्वाब में , राह नहीं आसान !..
चंदा चौकीदार सा ,बैठा सीना तान !!..
120-दुआ करे“इमरोज़”भी , हों पूरे“अरमान”! ...
क़ामयाब हों “परिंदे” , तेरी नई उड़ान !! ....
1-जब तक भीतर आँख के ,आंसू की है शान !
जैसे लुढ़के गाल पे ,मिट जाए पहचान !!
2-पलकों की दीवार में , किये ग़मों ने छेद !...
आंसू निकले आँख से , खोल गए सब भेद!!..
3-मिला उन्हें भी पद्म श्री , जिनके ऐसे काम
सुबह करें चमचागिरी ,मक्खनबाजी शाम
4-खाते बहियाँ खोलकर , करने लगी हिसाब !.
कैसी है तू ज़िन्दगी , तेरा नहीं जवाब !!.
5-रोते ना तो और फिर ,क्या करते जज़्बात
उसने ही जब अनसुनी ,कर दी मेरी बात
6-इक सच बोला और फिर ,देखा ऐसा हाल
कुछ ने नज़रें फेर ली ,कुछ की आँखे लाल
7-सुन झूटी तारीफ़ हम ,चढ़े चने के झाड़
पर भीतर से खामियां ,हमको रही लताड़
8-कर झूठी तारीफ़ फिर ,लोग ले रहे स्वाद !
भोली भाली शायरा , समझ रही है दाद !!
फेसबुक की हक़ीक़त...
9-तब कासा था हाथ में ,अब दौलत में हाथ !
तब मुझसे सब दूर थे , अब मेरे सब साथ !!
10-कंगूरे छाये रहे , उनकी थी तादाद
ऐसे में बुनियाद की , आती किसको याद
11-चीख उठे जब ख़ामुशी ,हिलने लगे पहाड़
सुनी नहीं है आपने ,चुप की कभी दहाड़
12-दरिया ने इक रोज़ क्या , कर ली मीठी बात
क़तरा तो उस रोज़ से , भूल गया औक़ात
13रैला हो सैलाब का , या सूखे की मार
ज़मीं समझ ही कब सकी ,पानी का किरदार
14-चुभने को चुभते रहे , भले शूल ही शूल !
बना लिए इक बार जो ,तोड़े नहीं उसूल !!
15जीवन के आकाश में ,हम तो हुए पतंग
डोर किसी के हाथ में ,उड़े किसी के संग
16-दरिया तेरा दायरा ,बढ़ तो गया ज़रूर
मगर किनारे हो गए ,पहले से भी दूर
17-कभी फ़क़ीरों के यहाँ , जाता था दरबार ....
और कलंदर आज के , जाते हैं दरबार ....
18-खाते बहियाँ खोल कर ,करने लगी हिसाब !
कैसी है तू ज़िन्दगी , तेरा नहीं जवाब !!
19-लाख छुपाऊं मैं सखी , खुल जावे है राज़ !....
नैन करें हैं मुखबिरी , ये ना आवे बाज़ !!.....
20-उम्मीदों पर वो खरा ,उतरा होता काश !
ढोनी ना पड़ती हमे , उम्मीदों की लाश !!
21-जब मन के आकाश में , घुमड़े अहसासात !
तब मन ने मन से कहा , लिख दे मन की बात !!
22-सबको कहाँ नसीब है ,ये शुहरत की धूप
हल्का हो किरदार तो ,झुलस जाय है रूप
23-ऐसे दिन भी आ गए , किन करमों के लेख !......
चूहा बोले शेर से , मुझे छेड़ के देख !!......
24-इसी ज़मी पर हैं लिखे , कुदरत ने आलेख !
हरा भरा हो जायगा ,इनको पढ़कर देख !!
पर्यावरण दिवस पे ..
25-खुद से भी करते नहीं ,अब हम कोई बात !....
तेरे जाते आ गया ,जीवन में निर्वात !!....
26-देना है तो दे ख़ुदा , ऐसा हमे मिज़ाज !
खुद्दारी सर पर रहे , ठोकर में हो ताज !!
27-कैसा तेरा मैक़दा , इसका अजब निज़ाम !....
झूम रहे हैं रिन्द सब ,बिन सागर बिन जाम !!...
28-जब भी मैं तन्हा हुआ ,वो ही आया काम !
था रिश्तों की भीड़ में ,जो रिश्ता बेनाम !!
29-ऐसे दिन भी आ गए , किन करमों के लेख !......
चूहा बोले शेर से , मुझे छेड़ के देख !!......
30-बिना तुम्हारे इस तरह ,गुज़र रहे लम्हात !...
सन्नाटे से गुफ़्तगू ,सारी सारी रात !!...
31-वो मेरे अहसास में ,ऐसे हुआ शरीक !...
बात मुझे जो चुभ गयी , उसे लगी वो ठीक !!.....
32-सीधा सा है रास्ता ,कहीं नहीं है मोड़ ! ....
जब उससे है इश्क़ तो ,दुनियादारी छोड़ !! ...
33-तह तक जाकर आ गए , तभी हुआ अहसास !
कभी समन्दर से नहीं , बुझी किसी की प्यास !!
34-खुशबू तेरे फेर में ,जाता रहा रुआब !
चिन्दी चिन्दी हो गया ,अच्छा भला गुलाब !!
35-काँप रही है ये ज़मी ,और आसमाँ मौन !
पता नहीं पाताल से , इसे हिलावे कौन !!
36-फ़लक नापने को गए ,बनकर के शाहीन !.....
आये जब वो लौट कर ,लगी न हाथ ज़मीन !!....
37-सर पर माँ का हाथ है ,क्या दूँ और सुबूत !
मुझको लिए बगैर ही ,लौट गए यमदूत !!
Mothers day
38-रत्तीभर बेटे बहू , रखते नहीं लगाव !....
पर अम्मा थकती नहीं , करते करते चाव !!...
Mothers day
39-रिश्तों का आँगन कभी , कर जाता हद पार !....
एहतियात की इस लिए ,लाज़िम है दीवार !!....
40-कौन वज़ह से आ गया , आदत से तू बाज़ ! ..
बहुत दिनों से यार तू , हुआ नहीं नाराज़ !! ...
41-कोई अपने दे गया ,सपने हमे उधार !
आँखों ने फिर नींद का, कर्ज़ा दिया उतार !!
42-रोते ना तो और फिर ,क्या करते जज़्बात
तुमने ही जब अनसुनी ,कर दी मेरी बात
43-अब उससे रिश्ता नहीं , फिर भी आवे याद !.....
ज़ख्म भले ही भर गए , सूखी नहीं मवाद !!...
44-पहले तो कहता रहा , बड़ी बहन हैं आप !...
फिर भइया के आ गया , इक दिन मन में पाप !!...
45-ज्यूँ मुरझाई फस्ल में , जान डाल दे खाद !...
हरा – भरा सा कर गयी ,मुझको तेरी याद !!....
46-तकिया है बस हाथ का ,बिस्तर है फूटपाथ
क्यों ना आये नींद जब ,मेहनत सोये साथ
47-ग़ज़लों के भी अक्स में , दोहों की तस्वीर ! ...
आँखें तो हैं "मीर" की , "मीरा" के हैं नीर !!.......
48-कभी फ़क़ीरों के यहाँ , जाता था दरबार ....
खड़े कलंदर आज के , दरबारों के द्वार ....
49-दिल न लगा जो शहर में , आया अपने गाँव !
बाट जोहती ही मिली , पगडंडी पर छाँव !!
50-तेरी यादों के सिवा ,ये सब भी है पास !
राखदान सिगरट धुंआ ,बोतल और गिलास !!
51-दो मंज़र ....
किसना राम किसान की, फसल पडी बीमार !
किशन लाल जी सेठ के ,नोटों का अम्बार !!
52-टूकड़ों पर तुम हिन्द के ,पाक तुम्हारी जान !
पाक तुम्हारी जान तो ,जाओ पाकिस्तान !!
53-दुःख ने सुख से ये कहा , कैसी तेरी ज़ात ! ..
भूल जाय है वो खुदा , तू हो जिसके साथ !! ...
54-आंधी थी वो ज़ुल्म की , बुझते रहे चराग़ !
बैसाखी को याद है , जलियांवाला बाग़ !!
जलियावाला बाग़ के शहीदों को नमन ..
55-अब तो नागिन सा हुआ ,बीवी का व्यवहार !....
रिश्तों की नैया भला ,कहाँ लगेगी पार !!....
56-साहिल से नाराज़गी , लहरों से मतभेद !
दरिया करना पार है , भले नाव में छेद !!
57-कभी बरसते मेघ से ,दिल की बातें बोल !...
भीग ज़रा बरसात में ,छाते को मत खोल !!...
58-ऐसा ही है दौर ये , ऐसे इसके तौर !
जुर्म किया है और ने ,फसे बेचारा और !!
59-गड़ी हुई ईमान की , निकले कैसे कील !
तबादले होते रहे , हम न हुए तबदील !!
60-देने वाले कौन हैं , लेने वाले कौन !
इनआमों की बाँट पे , लेकिन सब है मौन !!
61-मेरे भीतर क्या छिपा, इसे कभी तो भांप !
तू चन्दन के पेड़ सी , मैं ज़हरीला सांप !!
62-एक मरज है फेसबुक ,पालो मत ये रोग !
इश्तेहार से हो गए , इस पर आकर लोग !!
63-सूने सूने रास्ते ,पसरी पसरी रेत !
गीले गीले नैन हैं , सूखे सूखे खेत !!
राजस्थान दिवस मुबारक ....
64-तब तो हमको सौंप दी ,जब था तेज़ बहाव !..
पहुँच किनारे हो गयी ,किसी और की नाव !!..
65-पत्थर तक बुनियाद के , घर से दिए निकाल !...
उस घर का अल्ला मिंया ,क्या होगा अब हाल !..
आप पार्टी का हाल ....
66-रोना क्या है हार पर ,जश्न मनाओ यार !
कल से फिर पैनी करो , हथियारों की धार !!
67-आसमान में उड़ गयी , होते ही आज़ाद !...
फिर देखे जो बाज़ तो , पिंजरा आया याद !!..
68-भारत माँ को शूल सा , चुभता यही सवाल !...
क्यों पैदा होते नहीं , भगत सिंह से लाल !!....
नमन शहीदों को ...
69-भले क़लम दे हाथ में , या दे दे तलवार !
मौला इनकी तू मगर , पैनी रखियो धार !!
70-पापा मेरी चाँद को ,छूने की है चाह !
दिन है खेलन के अभी , मत कर मेरो ब्याह !!
71-पार किया जो तैर कर , कौन बड़ी है बात !
पता चले है डूब कर , दरिया की औक़ात !!
72-दुनिया है रफ़्तार की , खरगोशों का दौर !
किस्सों तक ही ठीक है , कछुए वाले तौर !!
73-क़लम उठाने का कभी , किया नहीं है काम !...
मगर क़लम के नाम पर, मिले बहुत इनआम !! .....
74-कोई अपने दे गया , सपने हमे उधार !...
आँखों ने फिर नींद का , कर्ज़ा दिया उतार !!...
75-छुड़ा लिए हैं रंग सब , धोकर अपने अंग !..
दिल पर जो तू मल गया , वो ना उतरा रंग ! ..
76-हैरत में थे यार सब , दुश्मन भी था दंग !...
मैंने उसके गाल पर , लगा दिया जब रंग !!...
रंगों का त्यौहार होली आपको मुबारक हो .....
77-अपने अधरों से अगर , तुम जो कर दो लाल ! ...
कसम लगे इस जन्म में ,जो हम धो लें गाल !! ...
78-रंग मिला ना वक़्त पर , ना ही मिला गुलाल !...
फिर अधरों से रंग दिए ,मैंने उसके गाल !!..
79-होली का तो तब मज़ा ,ना हो रंग गुलाल !...
इधर हमारे होंठ हो, उधर तुम्हारे गाल !!...
80-इंतज़ार के रंग में , गयी बावरी डूब !
होली पर इसबार भी , आया ना महबूब !!
81-आँखों को भी है गिला , करें शिकायत गाल !...
बैरी ख़ुद आया नहीं ,भिजवा दिया गुलाल !!...
82-इश्तेहार तक हम हुए , और हमीं दीवार ! ...
तब जाकर चलने लगा , अपना कारोबार !!..
83-मौक़ा था पर यार ने , डाला नहीं गुलाल !..
मुरझाये से ही रहे , मेरे दोनों गाल !!..
84-घटा बड़ी घनघोर थी, पिया नहीं थे साथ !
अंगड़ाई की ख़्वाहिशें , भटकी सारी रात !!
85-तन्हाई की बारिशें,भले ठोक ले ताल !..
पास हमारे आपकी , यादों की तिरपाल !!...
86-सुनता कौन ग़रीब की , थमी नहीं बरसात !
टप टप करती झोंपड़ी , रोयी सारी रात !!
87-क्या क्या छोड़ें ये बता , क्या क्या कर दें बंद !
क्या क्या तुझे पसंद है , क्या क्या नहीं पसंद !!
88-दुनिया की ये रीत है , या कोई संजोग !....
बैठे मेरी ताक़ में ,मेरे अपने लोग !!....
89-दुनिया के तो सामने , गिरी नहीं दस्तार !...
पर अपनी औलाद से , हार गये हम यार !!...
90-लोग दूध से कर रहे ,शंकर का अभिषेक !
मंदिर के बाहर खड़ा , भूखा बच्चा एक !!
महाशिवरात्री की शुभ कामनाएं ....
91-प्रेम दिवस है बावरी , आजा कर लें प्रीत !....
जीवन का सुर प्रेम है , और प्रेम संगीत !....
Happy valentine ...
92-गला तमन्ना का भला ,कैसे देता घोंट !...
मैंने उसके होंट पर , रख डाले फिर होंट
Happy kiss day ...
93-सच हो जाए स्वप्न ये ,नित्य करूँ ये जाप !
तेरे अधरों से करें , मेरे अधर मिलाप !!
Happy. ...Kiss.... day ....
94-उसकी बाँहो में अगर ,मिल जाए इक शाम !...
फिर चाहें लिख दीजिये , दोज़ख मेरे नाम !!.....
Happy hug Day
95-वादा दोनों ने किया ,जीना मरना साथ !
कहीं जिस्म नीला हुआ ,कहीं प पीले हाथ !! .''.
Happy promise Day
96-बड़े बुज़ुर्गों का नहीं ,जिस घर में सम्मान !
उस घर की फिर देख लो ,ऐसे जाती शान !!
97-मुझसे लेकर रौशनी , कमा रहा है नाम !...
सूरज पर ये धर दिया , जुगनू ने इल्ज़ाम !!....
98-सुर का था वो बादशा , ग़ज़लों का था मीत !
जब तक जीवित सुर रहे,अमर रहे जगजीत !!
.ग़ज़ल सम्राट.जगजीत सिंह ...जन्म दिन मुबारक हो
99-महक रहा है आज तक , सूखा हुआ गुलाब ! ...
पर उसने इक बार भी , खोली नहीं किताब !!..
Happy rose🌹 day
100-तन्हाई की बारिशें , भले ठोक ले ताल !...
पास हमारे आपकी, यादों की तिरपाल !...
101-भारी पत्थर इश्क़ है , कहते थे ये "मीर" !
चलो उठा के देख लें ,आगे फिर तक़दीर !!
102-वादा दोनों ने किया , जीना मरना साथ!
कहीं जिस्म नीला हुआ , कहीं प पीले हाथ !!
103-यूँ तो है बाज़ार में , हर शै की दूकान !
मगर किसी दूकान पर , मिले नहीं मुस्कान !....
104-आओ इसके कान में , फूंकें कोई मन्त्र !
इक मुद्दत से सो रहा ,अपना ये गणतंत्र !!
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ....
105-राजनीति के भेडिये , रोज़ करें षड्यंत्र !
और खड़ा लाचार सा , देख रहा गणतंत्र !!
106-देखा जायेगा मिंया , खुदा करेगा ख़ैर !....
पानी में रहना हमे , और मगर से बैर !!..
107-सुना गया अपनी कथा ,पतझड़ वाला संत !....
चल दरवाज़ा खोल दे , बाहर खड़ा बसंत !! ..
108-जिसकी ख़ातिर ओढ़ ली , हमने यार ! ज़मीन !
उसको आया ही नहीं , हम पर कभी यक़ीन !!
109-दिल में उसकी याद है, आँखों में है नीर !
यार ! हमारे पास है , बहुत बड़ी जागीर !!
110-कभी निकलती ही नहीं , इतना लेना सोच !....
जब रिश्तों के पाँव में , पड़ जाती है मोच !....
111-अब तो खलने लग गया ,पत्तों का भी शोर !
मन कहता है चल कहीं , सन्नाटे की ओर !!
112-धूल ज़रा सी क्या उड़ी, साँसे उखड़ी तेज़ ! ....
मिटटी ही करने लगी , मिटटी से परहेज़ !! ...
113-पति घर आवे देर से , बीवी को है रोष !
वास्तु विद कहने लगे, घर में वास्तु दोष !! ...
114-दो में दो को जोड़ कर ,बता दिया था चार !....
बस इतने में खींच ली , यारों ने तलवार !!...
115-और बजा मत बीन अब , काँप सपेरे काँप !.....
तेरे बच्चे डस गया , तेरा पाला साँप !! .....
पेशावर हमले पर .....एक श्रधांजलि
116-तार तार संवेदना , खड़ी रही लाचार !
बीच सड़क पर भेड़िया, करता रहा शिकार !!..
-5 दिसंबर की काली रात ..
117-कब देखे है इश्क़ ये , किसकी है दहलीज़ !.....
शहज़ादे के प्यार में , पागल हुई कनीज़ !....
118-ऐसे मिलता था गले , जैसे भरत मिलाप !....
गले लगाकर ले गया ,वही गले का नाप !! ...
119-आऊं तेरे ख़्वाब में , राह नहीं आसान !..
चंदा चौकीदार सा ,बैठा सीना तान !!..
120-दुआ करे“इमरोज़”भी , हों पूरे“अरमान”! ...
क़ामयाब हों “परिंदे” , तेरी नई उड़ान !! ....