रविवार, 22 फ़रवरी 2015

जिसका दर्शन करने को सुरज निकलता है..
 फ़िल्म - कारण (1980)
गीतकार - इन्दवीर 
संगीतकार - उषा खन्ना
गायककार - रफ़ी साहब

जिसका दर्शन करने को सुरज निकलता है वो तुम हो....
जिसकी चमक चुराने को ये चाँद मचलता है वो तुम हो..
वो तुम हो.......वो तुम हो.......वो तुम हो.....

नज़र मिल जब तुमसे जब कोई और नज़र ना आया 
तुम्हें बनाकर रब ने अपना सुन्दर रूप दिखाया
जिसके सामने आने को दर्पण तड़पता है वो तुम हो-2
वो तुम हो....... वो तुम हो.......वो तुम हो.....


जिसका दर्शन करने को सुरज निकलता है, वो तुम हो....
जिसकी चमक चुराने को ये चाँद मचलता है, वो तुम हो..
वो तुम हो.......वो तुम हो.......वो तुम हो.....

चाल से ताल निकलते है संगीत बसा बतों में...
किस्मत लिख सकती हो तुम वो कला छुपी हाथों में 
जिससे हाथ मिलाने को हर कोई तरसता है वो तुम हो-2
वो तुम हो.......वो तुम हो.......

जिसका दर्शन करने को सुरज निकलता है.....

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