शनिवार, 20 दिसंबर 2014

युध्द राज रोहित
हमारी दोस्ती..
आखिर क्या है ये रिश्ता, बताओ इसकी खासियत क्या है,
समन्दर ने कहा, कि दोस्ती मेरी घहराईयों में छुपा एक सीपी है,
जिसमें सच्चाई की भावना का मोती है दोस्ती,
आकाश ने कहा कि दोस्ती का रिश्ता मेरी ऊँचाईयों की तरह असीम है,
नभ मे स्वछंद विचरते पक्षियों की आज़ादी की भावना का नाम है दोस्ती,
शायर ने कहा कि दोस्ती दुनिया का सबसे हसीन जज़्बा है,
नज़्म का एक शेर है, गीत का एक खूबसूरत अन्तरा है दोस्ती,
माली ने कहा कि दोस्ती वो फूल है जो पूरे बाग को हसीन बना दे,
चारो तरफ झट से फैल जाने वाली खुशबु है दोस्ती,
मोहब्बत ने कहा कि दोस्ती मुझ से भी हसीन है,
मेरा एक रुप भगवान तो मेरी शुरुआत है दोस्ती,
नफरत ने कहा कि दोस्ती और प्यार तो मुझे भी खुद में समा लेते हैं,
नफरत से भी नफरत ना करे, ऐसी है दोस्ती,
मैं क्या कहूँ, दोस्ती तो बस विश्वास का नाम है,
मुझ से नहीं मेरे दोस्त से पूछो कि आखिर क्या है ये दोस्ती
ये दोस्ती

2 टिप्‍पणियां:

  1. ह्र्दय की गहराई से निकली अनुभूति रूपी सशक्त रचना

    अच्‍छा लगा आपके ब्‍लॉग पर आकर....आपकी रचनाएं पढकर और आपकी भवनाओं से जुडकर....

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  2. आपका दिल से शुक्रिया ... संजय जी

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