बुधवार, 23 नवंबर 2016

कैसे कटेगी ज़िन्दगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर 
कैसे कटेगी ज़िन्दगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर 

पाऊँगा हर शै मैं कमी तेरे बग़ैर ,तेरे बग़ैर 
कैसे कटेगी ज़िन्दगी तेरे बग़ैर, तेरे बगैर
फूल खिले तो यूँ लगें,  फूल नही ये दाग है -2
तारे फलक पे यूँ लगे जैसे बुझे चिराग़ है 
आग लगाये चाँदनी तेरे बग़ैर,

कैसे कटेगी ज़िन्दगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर 
चाँद घटा मैं छुप गया, सारा जहाँ उदास है ..2
कहती है दिल की धड़कने, तूं कही आसपास है
आके तड़प रहा है जी तेरे बग़ैर  तेरे बगैर ड
पाऊँगा हर शै मैं कमी तेरे बग़ैर 
कैसे कटेगी ज़िन्दगी तेरे बग़ैर
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फ़िल्म - नॉन फ़िल्मी 
गीत - राजा मेहदी अली साहब
संगीत - मदन मोहन साहब
गायक - रफ़ी साहब

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