ख़ुशबू हूँ मै फ़ूल नही हूँ जो मुरझाऊँगाख़ुशबू हूँ मै फ़ूल नही हूँ जो मुरझाऊँगाजब जब मौसम लहरायेगा, मै आ जाऊँगाख़ुशबू हूं मै फ़ूल नही.....मेरी सूरत कोई नहीं हर चेहरा मेरा चेहरा हैभीगा सावन सूना आँगन हर आईना मेरा हैजब जब कली खिलेगी कोई मै मुस्काऊँगा-२मै आ जाऊँगाख़ुशबू हूँ मै फ़ूल नही हूँ जो मुरझाऊँगाशाम का गहरा सन्नाटा जब दीप जलाने आएगामेरा प्यार तुम्हारी सूनी बाँहों में घबराएगामै ममता का आँचल बन कर -२लोरी गाऊँगा मै आ जाऊँगामै आ जाऊँगा ....जब भी मेरी याद सताये फ़ूल खिलाती रहनामेरे गीत सहारा देंगे इनको गाती रहनामैं अनदेखा तारा बनकर राह दिखाऊँगामैं आ जाऊँगा .....ख़ुशबू हूँ मैं फ़ूल नही हूँ जो मुरझाऊँगाख़ुशबू हूँ मैं फ़ूल नही हूँ जो मुरझाऊँगाजब जब मौसम लहरायेगा, मैं आ जाऊँगाख़ुशबू हूँ मैं फ़ूल नही.....------------------------फ़िल्म - शायद -(1979)गीत - नीदा फ़ाज़ली साहबसंगीत -मानस मुख़र्जीगायक - रफ़ी साहब
बुधवार, 23 नवंबर 2016
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