शनिवार, 13 जून 2015

विजेंद्र शर्मा के दोहे...

1-जब तक भीतर आँख के ,आंसू की है शान !
जैसे लुढ़के गाल पे ,मिट जाए पहचान !!

2-पलकों की दीवार में , किये ग़मों ने छेद !...
आंसू निकले आँख से , खोल गए सब भेद!!..

3-मिला उन्हें भी पद्म श्री , जिनके ऐसे काम
सुबह करें चमचागिरी ,मक्खनबाजी शाम

4-खाते बहियाँ खोलकर , करने लगी हिसाब !.
कैसी है तू ज़िन्दगी , तेरा नहीं  जवाब !!.

5-रोते ना तो और फिर ,क्या करते जज़्बात
उसने ही जब अनसुनी ,कर दी मेरी बात

6-इक सच बोला और फिर ,देखा ऐसा हाल
कुछ ने नज़रें फेर ली ,कुछ की आँखे लाल

7-सुन झूटी तारीफ़ हम ,चढ़े चने के झाड़
पर भीतर से खामियां ,हमको रही लताड़

8-कर झूठी तारीफ़ फिर ,लोग ले रहे स्वाद !
भोली भाली शायरा , समझ रही है दाद !!

फेसबुक की हक़ीक़त...

9-तब कासा था  हाथ में ,अब दौलत में हाथ !
तब मुझसे सब दूर थे , अब  मेरे सब साथ !!

10-कंगूरे छाये रहे , उनकी थी तादाद
ऐसे में बुनियाद की , आती किसको याद

11-चीख उठे जब ख़ामुशी ,हिलने लगे पहाड़
सुनी नहीं है आपने ,चुप की कभी दहाड़


12-दरिया ने इक रोज़ क्या , कर ली मीठी बात
क़तरा तो उस रोज़ से , भूल गया औक़ात


13रैला हो सैलाब का , या सूखे की मार
ज़मीं समझ ही कब सकी ,पानी का किरदार

14-चुभने को चुभते रहे , भले शूल ही शूल !
बना लिए इक बार जो ,तोड़े नहीं उसूल !!

15जीवन के आकाश में ,हम तो हुए पतंग
डोर किसी के हाथ में ,उड़े किसी के संग

16-दरिया तेरा दायरा ,बढ़ तो गया ज़रूर
मगर किनारे हो गए ,पहले से भी दूर

17-कभी फ़क़ीरों के यहाँ , जाता था दरबार ....
और कलंदर आज के , जाते  हैं  दरबार ....

18-खाते बहियाँ खोल कर ,करने लगी हिसाब !
कैसी है तू ज़िन्दगी , तेरा नहीं जवाब !!

19-लाख छुपाऊं मैं सखी , खुल जावे है राज़ !....
नैन करें हैं मुखबिरी , ये ना आवे बाज़  !!.....

20-उम्मीदों पर वो खरा ,उतरा होता काश !
ढोनी ना पड़ती हमे , उम्मीदों की लाश !!

21-जब  मन के आकाश  में , घुमड़े  अहसासात !
तब मन ने मन से कहा , लिख दे मन की  बात !!

22-सबको कहाँ नसीब है ,ये शुहरत की धूप
हल्का हो किरदार तो ,झुलस जाय है रूप

23-ऐसे दिन भी आ गए , किन करमों के  लेख !......
चूहा बोले शेर से , मुझे छेड़ के देख !!......

24-इसी ज़मी पर हैं लिखे , कुदरत ने आलेख !
हरा भरा हो जायगा ,इनको पढ़कर देख !!

पर्यावरण दिवस पे ..

25-खुद से भी करते नहीं ,अब हम कोई बात !....
तेरे जाते आ गया ,जीवन में निर्वात !!....

26-देना  है तो दे ख़ुदा , ऐसा हमे मिज़ाज !
खुद्दारी सर पर रहे , ठोकर में हो ताज !!

27-कैसा तेरा मैक़दा , इसका अजब निज़ाम !....
झूम रहे हैं रिन्द सब ,बिन सागर बिन जाम !!...

28-जब भी मैं तन्हा हुआ ,वो ही आया काम !
था रिश्तों की भीड़ में ,जो रिश्ता बेनाम !!

29-ऐसे दिन भी आ गए , किन करमों के  लेख !......
चूहा बोले शेर से , मुझे छेड़ के देख !!......

30-बिना तुम्हारे इस तरह ,गुज़र रहे लम्हात !...
सन्नाटे से गुफ़्तगू ,सारी सारी रात !!...

31-वो मेरे अहसास में ,ऐसे हुआ शरीक !...
बात मुझे जो चुभ गयी , उसे लगी वो ठीक !!.....

32-सीधा सा है रास्ता ,कहीं नहीं है मोड़ ! ....
जब उससे है इश्क़ तो ,दुनियादारी छोड़ !! ...

33-तह तक जाकर आ गए , तभी हुआ अहसास !
कभी समन्दर से नहीं , बुझी किसी की प्यास !!

34-खुशबू तेरे फेर में ,जाता रहा रुआब  !
चिन्दी चिन्दी हो गया ,अच्छा भला गुलाब !!

35-काँप रही है ये ज़मी ,और आसमाँ मौन !
पता नहीं पाताल से , इसे हिलावे  कौन !!

36-फ़लक नापने को गए ,बनकर के शाहीन !.....
आये जब वो लौट कर ,लगी न हाथ ज़मीन !!....

37-सर पर माँ का हाथ है ,क्या दूँ और सुबूत !
मुझको लिए बगैर ही ,लौट गए यमदूत !!
Mothers day

38-रत्तीभर बेटे बहू ,  रखते नहीं लगाव !....
पर अम्मा थकती नहीं , करते करते चाव !!...
Mothers day

39-रिश्तों का आँगन कभी , कर जाता हद पार !....
एहतियात की इस लिए ,लाज़िम है दीवार !!....

40-कौन वज़ह से आ गया , आदत से तू बाज़ ! ..
बहुत दिनों से यार तू  , हुआ नहीं नाराज़ !! ...

41-कोई अपने दे गया ,सपने हमे उधार !
आँखों ने फिर नींद का, कर्ज़ा दिया उतार !!

42-रोते ना तो और फिर ,क्या करते जज़्बात
तुमने ही जब अनसुनी ,कर दी मेरी बात

43-अब उससे रिश्ता नहीं , फिर भी आवे याद !.....
ज़ख्म भले ही भर गए , सूखी नहीं मवाद !!...

44-पहले तो कहता रहा , बड़ी बहन हैं आप !...
फिर भइया के आ गया , इक दिन मन में पाप !!...

45-ज्यूँ मुरझाई फस्ल में ,  जान डाल दे खाद !...
हरा – भरा  सा कर गयी ,मुझको तेरी याद !!....

46-तकिया है बस हाथ का ,बिस्तर है फूटपाथ
क्यों ना आये नींद जब ,मेहनत सोये साथ

47-ग़ज़लों के भी अक्स में , दोहों की तस्वीर ! ...
आँखें तो हैं  "मीर" की , "मीरा" के हैं नीर !!.......

48-कभी फ़क़ीरों के यहाँ , जाता था दरबार ....
खड़े कलंदर आज के , दरबारों के द्वार  ....

49-दिल न लगा जो शहर में , आया अपने गाँव !
बाट जोहती ही मिली , पगडंडी पर छाँव !!

50-तेरी यादों के सिवा ,ये सब भी है  पास !
राखदान सिगरट धुंआ ,बोतल और गिलास !!

51-दो मंज़र ....
किसना राम किसान की, फसल पडी बीमार !
किशन लाल जी  सेठ के  ,नोटों का अम्बार !!

52-टूकड़ों पर तुम हिन्द के ,पाक तुम्हारी जान !
पाक तुम्हारी जान तो ,जाओ पाकिस्तान !!

53-दुःख ने सुख से ये कहा ,  कैसी तेरी ज़ात ! ..
भूल जाय है वो खुदा , तू हो जिसके साथ !! ...

54-आंधी थी वो ज़ुल्म की , बुझते रहे चराग़ !
बैसाखी को याद है , जलियांवाला बाग़ !!


जलियावाला बाग़ के शहीदों को नमन ..

55-अब तो नागिन सा हुआ ,बीवी  का व्यवहार  !....
रिश्तों की नैया भला  ,कहाँ लगेगी  पार !!....

56-साहिल से नाराज़गी , लहरों से मतभेद !
दरिया करना पार है , भले नाव में छेद !!

57-कभी बरसते मेघ से ,दिल की बातें बोल !...
भीग ज़रा बरसात में ,छाते को मत खोल !!...

58-ऐसा ही है  दौर ये , ऐसे इसके तौर !
जुर्म किया है और ने  ,फसे बेचारा और !!

59-गड़ी हुई ईमान की , निकले कैसे कील !
तबादले होते रहे , हम न हुए तबदील !!

60-देने वाले कौन हैं , लेने वाले कौन !
इनआमों  की बाँट पे , लेकिन सब है मौन !!

61-मेरे भीतर क्या छिपा, इसे  कभी तो भांप !
तू चन्दन के पेड़ सी , मैं ज़हरीला सांप !!

62-एक मरज है फेसबुक ,पालो  मत ये रोग !
इश्तेहार से हो गए , इस पर आकर लोग !!

63-सूने सूने रास्ते ,पसरी पसरी रेत !
गीले गीले नैन हैं , सूखे सूखे खेत !!
         
राजस्थान दिवस मुबारक ....

64-तब तो हमको सौंप दी ,जब था तेज़ बहाव !..
पहुँच किनारे हो गयी ,किसी और की नाव !!..

65-पत्थर तक बुनियाद के , घर से दिए निकाल !...
उस घर का अल्ला मिंया ,क्या होगा अब हाल !..

आप पार्टी का हाल ....

66-रोना क्या है हार पर ,जश्न मनाओ यार !
कल से फिर पैनी करो , हथियारों की धार !!

67-आसमान में उड़ गयी , होते ही आज़ाद !...
फिर देखे जो बाज़ तो , पिंजरा आया याद !!..

68-भारत माँ को शूल सा , चुभता यही सवाल !...
क्यों पैदा होते नहीं , भगत सिंह से लाल !!....

नमन शहीदों को ...

69-भले  क़लम दे हाथ में , या दे दे तलवार !
मौला इनकी तू मगर , पैनी रखियो धार !!

70-पापा मेरी चाँद को ,छूने की है चाह !
दिन है खेलन के अभी , मत कर मेरो ब्याह !!

71-पार किया जो तैर कर , कौन बड़ी है बात !
पता चले है डूब कर , दरिया की औक़ात !!

72-दुनिया है रफ़्तार की , खरगोशों का दौर !
किस्सों तक ही ठीक है , कछुए वाले तौर !!

73-क़लम उठाने का कभी , किया नहीं है काम !...
 मगर क़लम के नाम पर,  मिले बहुत इनआम !! .....

74-कोई अपने दे गया , सपने हमे उधार !...
आँखों ने फिर नींद का , कर्ज़ा दिया उतार !!...

75-छुड़ा लिए हैं रंग सब , धोकर अपने  अंग !..
 दिल पर जो तू मल गया , वो ना उतरा रंग ! ..

76-हैरत में थे यार सब ,  दुश्मन भी था दंग !...
मैंने उसके गाल पर , लगा दिया जब रंग !!...

रंगों का त्यौहार होली आपको मुबारक हो .....

77-अपने अधरों से अगर , तुम जो कर दो लाल ! ...
कसम लगे इस जन्म में  ,जो हम धो लें गाल !! ...

78-रंग मिला ना वक़्त पर , ना ही मिला गुलाल !...
फिर अधरों से रंग दिए ,मैंने उसके गाल !!..

79-होली का तो  तब मज़ा ,ना हो रंग गुलाल !...
इधर हमारे होंठ हो, उधर तुम्हारे गाल !!...

80-इंतज़ार  के  रंग में ,   गयी   बावरी   डूब  !
होली पर इसबार भी , आया  ना  महबूब   !!

 81-आँखों को भी है गिला , करें शिकायत गाल !...
बैरी ख़ुद आया नहीं ,भिजवा दिया गुलाल !!...

82-इश्तेहार तक हम हुए , और हमीं दीवार ! ...
तब जाकर चलने लगा , अपना कारोबार !!..

83-मौक़ा था पर यार ने , डाला नहीं गुलाल !..
मुरझाये से ही रहे ,  मेरे  दोनों  गाल !!..

84-घटा बड़ी घनघोर थी, पिया नहीं थे साथ !
अंगड़ाई की ख़्वाहिशें , भटकी सारी रात !!

85-तन्हाई की बारिशें,भले ठोक ले ताल !..
पास हमारे आपकी , यादों की तिरपाल !!...

86-सुनता कौन ग़रीब की , थमी नहीं बरसात !
टप टप करती झोंपड़ी , रोयी सारी रात !!

87-क्या क्या छोड़ें ये बता , क्या क्या कर दें बंद !
क्या क्या तुझे पसंद है , क्या क्या नहीं पसंद !!

88-दुनिया की ये रीत है , या कोई संजोग !....
बैठे मेरी ताक़ में ,मेरे अपने लोग !!....


89-दुनिया के तो सामने , गिरी नहीं दस्तार !...
पर अपनी औलाद से , हार गये हम यार !!...

90-लोग दूध से कर रहे ,शंकर का अभिषेक !
मंदिर के बाहर खड़ा , भूखा बच्चा एक  !!

महाशिवरात्री की शुभ कामनाएं ....

91-प्रेम दिवस है बावरी , आजा कर लें प्रीत !....
जीवन का सुर प्रेम है , और प्रेम संगीत !....

Happy valentine ...

92-गला तमन्ना का भला ,कैसे देता घोंट !...
मैंने उसके होंट पर , रख डाले फिर होंट

Happy kiss day ...

93-सच हो जाए स्वप्न ये ,नित्य करूँ ये जाप !
    तेरे अधरों से करें , मेरे अधर मिलाप !!

Happy. ...Kiss....    day ....

94-उसकी बाँहो में अगर ,मिल जाए इक शाम !...
फिर चाहें लिख दीजिये , दोज़ख मेरे नाम !!.....

Happy hug Day

95-वादा दोनों ने किया ,जीना मरना साथ !
कहीं जिस्म नीला हुआ ,कहीं प पीले हाथ !! .''.

Happy promise Day

96-बड़े बुज़ुर्गों का नहीं ,जिस घर में सम्मान !
उस घर की फिर देख लो ,ऐसे जाती शान !!

97-मुझसे लेकर रौशनी , कमा रहा है नाम !...
सूरज पर ये  धर दिया , जुगनू ने इल्ज़ाम !!....

98-सुर का था वो बादशा , ग़ज़लों का था मीत !
जब तक जीवित सुर रहे,अमर रहे जगजीत !!

.ग़ज़ल सम्राट.जगजीत सिंह ...जन्म दिन मुबारक हो

99-महक रहा है आज तक , सूखा हुआ गुलाब ! ...
पर उसने इक बार भी , खोली नहीं किताब !!..

Happy rose🌹 day

100-तन्हाई की बारिशें , भले ठोक ले ताल !...
पास हमारे आपकी, यादों की तिरपाल !...

101-भारी पत्थर इश्क़ है , कहते थे ये "मीर" !
चलो उठा के देख लें ,आगे फिर तक़दीर !!

102-वादा दोनों ने किया , जीना मरना साथ!
कहीं जिस्म नीला हुआ , कहीं प पीले  हाथ !!

103-यूँ तो है बाज़ार में ,  हर शै की दूकान !
मगर किसी दूकान पर , मिले नहीं मुस्कान !....

104-आओ इसके कान में , फूंकें कोई मन्त्र !
इक मुद्दत से सो रहा ,अपना ये गणतंत्र !!

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ....

105-राजनीति   के भेडिये ,  रोज़   करें   षड्यंत्र !
और खड़ा लाचार सा , देख रहा गणतंत्र !!

106-देखा जायेगा  मिंया , खुदा करेगा ख़ैर !....
पानी में रहना हमे  , और मगर से बैर !!..

107-सुना गया अपनी कथा ,पतझड़ वाला संत !....
चल दरवाज़ा खोल दे , बाहर खड़ा बसंत !! ..

108-जिसकी ख़ातिर ओढ़ ली , हमने यार ! ज़मीन !
उसको  आया  ही  नहीं , हम पर   कभी  यक़ीन !!

109-दिल में उसकी याद है, आँखों में है नीर !
यार ! हमारे पास है , बहुत बड़ी जागीर !!

110-कभी निकलती ही नहीं , इतना लेना सोच !....
जब रिश्तों के पाँव में , पड़ जाती है मोच !....

111-अब तो खलने लग गया ,पत्तों का भी शोर !
मन कहता है चल कहीं , सन्नाटे की ओर !!

112-धूल ज़रा सी क्या उड़ी, साँसे उखड़ी तेज़ !  ....
मिटटी ही करने लगी , मिटटी से परहेज़ !! ...

113-पति घर आवे देर से , बीवी को है रोष !
वास्तु विद कहने लगे, घर में वास्तु दोष !!  ...

114-दो में  दो को  जोड़ कर ,बता दिया था चार !....
बस इतने में खींच ली , यारों ने तलवार !!...

115-और बजा मत बीन अब ,  काँप  सपेरे काँप  !.....
तेरे  बच्चे डस गया ,  तेरा पाला साँप !! .....

पेशावर हमले पर .....एक श्रधांजलि

116-तार तार संवेदना , खड़ी  रही  लाचार  !
बीच सड़क पर भेड़िया, करता रहा  शिकार !!..

-5 दिसंबर की काली रात ..

117-कब देखे है इश्क़ ये , किसकी है दहलीज़ !.....
शहज़ादे के प्यार में , पागल हुई कनीज़ !....

118-ऐसे मिलता था गले , जैसे भरत मिलाप !....
  गले लगाकर ले गया ,वही गले का नाप  !! ...

119-आऊं तेरे ख़्वाब में , राह नहीं आसान !..
चंदा चौकीदार सा ,बैठा सीना तान !!..

120-दुआ करे“इमरोज़”भी , हों पूरे“अरमान”! ...
क़ामयाब हों “परिंदे” , तेरी नई उड़ान !! ....

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